हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,शीया समुदाय के पैकर में आशूर की तपिश नुमायां है। हम देख रहे हैं कि हर जगह शीयों में नज़र आने वाली यह गर्मी उन शोलों से निकली है जिनकी लपटें उस मुक़द्दस रूह और मूल्यवान मिट्टी से उठ रही हैं।
यह लोगों की रूहों में समा जाती हैं और इंसानों को दहकती गोलियों में तब्दील करके उनसे दुश्मन के दिल को निशाना बनाती हैं।
इमाम ख़ामेनेई,